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मेरे स्कूल के दिनो की यादें

मैं एक स्टूडेट था।  मेरे जीवन की एक छोटी सी कहानी है। कभी जब मैं कक्षा 7 में था। तब मैं और मेरे दोस्त बहुत शैतानी किया करते थे। हम अपने दिन के समय में बहुत मसती किया करते थे। सुबहा के समय  हम नहाकर स्कूल जाया करते थे। स्कूल मे जाने के बाद हम इतनी मस्ती करते की मानो हम स्कूल गये ही नहीं हो। मै कभी-भी अपने गुरूजनो का आदर सतकार करने से नही चुकता। मै प्रातःआपने गुरू के चरणों को स्पृस किया करता। उस समय मै थोड़ा आलसी था होम वर्क कम किया करता था जिसके कारण गूरु जी मुझको डाटते थे। पर मै कभी भी अपने गुरूजनो की बातो का बुरा नही मानता और मस्ती से स्कूल जाता और सभी के साथ हसी खुशीरहा करता था।    स्कूल के लांच टाइम में हम अपने घर ही खाना खाने के लिये आते थे। क्योकि स्कूल गाँव  मे ही था। लांच टाइम खत्म होने के बाद मैं और मेरे दोस्त एक साथ घर आया करते थे। घर आने के बाद  हम अपने स्कूल का होम वर्क पूरा किया करते थे।  इसके बाद हम कुछ दोस्त अपने गाँव की नदी पर नहाने के लिए जाया करते थे। और उसी समय हम चुनिंदा दोस्त बाग मे (आम, अमरुद के बाग)  छुप छुप कर जाया करते थे। और मजे से फल खाया करते थे। एक दिन कुछ